वरोरा :
जंगल में शिकार के लिए लगायी गयी जाल बाघ के गले में फंस गया। लेकिन जैसे ही बाघ अपने बल के साथ आगे बढ़ा तो बाघ के गले में फंसा शिकारी का जाल गले में रह गया । यह स्पष्ट हो गया कि बाघ के गले में फंसा शिकारी का जाल है।
पिछले कुछ दिन पहले वरोरा वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत सालोरी कक्ष क्र. 11 कैमरा ट्रैप में बाघ के गले में लाल पट्टी बांधी हुई दिखाई दे रही थी।
इस लाल पट्टी वाले बाघ को देखकर वनविभाग सतर्क और इलाके में तलाश अभियान शुरू कर दिया था। तीन दिन पहले वनकर्मियों को इस इलाके में खून दिखाई दिया । वरोरा वनविभाग की टीम तीन दिनो से गले में फंसे जाल वाला बाघ की तलाश कर रही थी। दरसल वह लाल पट्टी नही लाल जाल है।
यदि जाल बाघ के गले में अधिक दिनों तक रहा तो वह शिकार नहीं कर पाएगा। शिकार नही कर पाया तो ज्यादा दिनो तक जिंदा नही रह सकता है। वह बाघ एक मादी बाघिन है और इसे एक वयस्क के रूप में जाना जाता है।
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए बकरी को पिंजरे में बांधा गया ताकि बाघ बकरी को खाने पिंजरे में आये।
बाघ रात भर पिंजरे में नहीं लौटा। सुबह जब वनकर्मी बकरी को पानी देने के लिए छोड़ गया तो बकरी भाग गई।
फिर वन विभाग के कर्मचारियों ने बकरी की तलाश शुरू की। पांच-छह घंटे की मशक्कत के बाद बकरी वन कर्मियों को मिली।
बाघ के गले में नायलाॅन का जाल फंसा हुआ था। नायलाॅन का जाल होने से गले मे टाइट नही हो सकता इस वजह से बाघ के जान को कोई खतरा नहीं है। बाघ को देखते ही उसे बेहोश करने की कोशिश की जाएगी और उसके गले का जाल हटा दिया जाएगा ऐसा वन विभाग के , मुख्य वनसंरक्षक, एन.आर. प्रवीण ने कहा।
बाघ की तलाश वरोरा वनविभाग की टीम कर रही है।