
चंद्रपुर :
पिछले छह महीनों में चंद्रपुर जिले में बाघ और तेंदुए के हमले में करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50 लोग घायल हुए हैं। ब्रह्मपुरी वन विभाग के 51 गांवों में बाघों ने हमला कर दिया है।
पशुओं और फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। २००५ और २०२० के बीच जिले में मानव-वन्यजीव संघर्षों की कुल संख्या लगभग ९४०० है, जिनमें से ५८% यानी लगभग ५४०० मानव-बाघ संघर्षों से संबंधित हैं।
ऐसी घटनाओं में मौत, चोट लगना, फसल नष्ट होना और पशुधन और मुर्गी को नुकसान शामिल हैं। बाघों के 5400 संघर्षों में से 232 बाघों ने इंसानों पर हमला किया है। जबकि बाकी मवेशी/मुर्गी के हमले हुए हैं।
बाघ से संबंधित लगभग 55% हमले ब्रह्मपुरी (प्रादेशिक) वन प्रभाग में हुए हैं, इसके बाद ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व और केंद्रीय चंदा (प्रादेशिक) वन प्रभाग हैं।
दक्षिण ब्रह्मपुरी और सिंदेवाही क्षेत्र में सबसे ज्यादा बाघों के हमले हुए उसके बाद पलासगांव और शिवनी क्षेत्र में बाघ के हमले हुए हैं।
वन विभाग ने जिले मे बढते हुए वन्यजीव मानव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए दीर्घकालीन उपाय योजना पर काम करना समय की जरूरत है।
