सिंदेवाही में दिखाई दिया चित्रित सारस ; पक्षी प्रेमियों में हर्ष

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तलोधी बा. (सं.).(यशवंत कायरकर)
जिले के अनेक तालाब जलाशयों में अनेक प्रजाति के पक्षी पाए जाते है. शीतकाल के दिनों में प्रवासी पंक्षी भी चंद्रपुर जिले में देखे जाते है. इन दिनों सिंदेवाही वन परिक्षेत्र के एक तालाब में चित्रित सारस (पेंटेड स्टार्क) का झुंड रोशन धोतरे को दिखाई दिया और इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया.
पक्षी निरीक्षक रोशन धोतरे उन्होंने बताया कि, पक्षियों का शास्त्रीय नाम मायक्टेरिया ल्यूकोसेफाला है जिसकी लंबाई 93 सेमी की होती है. यह नदी, तालाब, बांध जलाशय, जलस्त्रोत और दलदली वाले प्रदेश में झुंड में पाए जाते है. इसके कंधे के पास और पंख पर गुलाबी रंग के पंख दिखाई देते है जो इसकी विशेषता है. वर्ष भर में देश में दिखाई देने वाला यह पक्षी जलस्त्रोतों पर खाद्य की तलाश में भटकता रहता है. गडचिरोली जिले के आरमोरी में इसकी सुरक्षा के लिए एक केंद्र बनाया है जिससे की इनकी संख्या को बढाया जा सके. यह पक्षी मानवीय बस्ती के पास झुंड में इमली के पेड में घसोला बनाते है इससे इन्हे सुरक्षा मिलती है. पक्षी वर्ष में दो से तीन अंडे देते है गर्म से बचाने के लिए नर और मादा दोनों देखभाल करते है. जलाशयों में लंबी चोंच की सहायता से खाद्य तलाशने में सहायता होती है पंखों को पानी से बचाये रखने के लिए पक्षी पानी में पंख को दोनों दिशा में फैलाये रखता है. जिले में इस पक्षी के दिखाई देने से पक्षीप्रमियों में हर्ष है.

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