
वन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उठाए मुद्दे:
- मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के परियोजना क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता ।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है।
- आसपास के दो गांवों के पुनर्वास के लिए तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
- ग्रामीणों को नकद में मुआवजा दिया जाना चाहिए
भविष्य में बाघों की संख्या और बढ़ेगी यह मानते हुए , इसके लिए अभी से मार्ग प्रशस्त करना आवश्यक है। - व्याघ्र प्रकल्प या अभयारण्यों के पास के गांवों का पुनर्वास आवश्यकतानुसार किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में 312 बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि इसी क्षेत्र में चंद्रपुर जिले में सबसे अधिक बाघ हैं। इस क्षेत्र में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प के दो गावों का पुनर्वास के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जो वन्यजीवों के आवास के लिए महत्वपूर्ण है।
ताडोबा कोर क्षेत्र के रानतळोधी और कोळसा गाव के पुनर्वास के साथ-साथ प्रकल्प के बाहर के कारवां गाव जो वन्यजीव आवास के लिए महत्वपूर्ण है। उसका भी पुनर्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए । वन विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वर्षा शासकीय भवन में आयोजित बैठक में बोल रहे थे ।
पर्यटकों को आकर्षित कर सकें ऐसे स्थलों का विकास इस प्रकार किया जाना चाहिए कि जंगल का अनुभव उन स्थानों पर किया जा सके। जानवरों को खुले कुओं में गिरने और मरने से बचाने के लिए सुरक्षात्मक दीवार का निर्माण और अन्य उपाय किए जाने चाहिए।इस अवसर पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में संरक्षित क्षेत्रों और वन्यजीव प्रबंधन और बाघ संरक्षण के कार्यों, राज्य में अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के विकास, कमंडल वन संरक्षण और आजीविका योजना, वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण, हवाई बीज बोने,सामाजिक वनीकरण वैकल्पिक वनीकरण निधि प्रबंधन प्राधिकरण आदि के कार्यों की समीक्षा की। वन विभाग के प्रमुख सचिव मिलिंद म्हैस्कर ने विभाग के कार्यों की प्रस्तुति दी।
साथ ही इस मौके पर पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र का विस्तार करने की जरूरत है। तीन संरक्षण आरक्षित अधिसूचनाएं आनी बाकी हैं इसका पालन किया जाना चाहिए और एक अधिसूचना जारी की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बाघों की मौत कुओं में गिरने से रोकने के उपाय किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, वन राज्य मंत्री दत्तात्रेय भरणे, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, वनविभाग के प्रमुख सचिव मिलिंद म्हैस्कर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विकास खड़गे, प्रमुख सचिव इस अवसर पर पर्यावरण मनीषा म्हैस्कर, मुख्यमंत्री के सचिव आबासाहेब ज-हाड और अन्य उपस्थित थे।
