चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग): गडचिरोली के निकट आंबे शिवनी नामक स्थान पर 23 जुलाई 2023 को सुबह 2 बजे की घटना है, जिसमें वन विभाग ने 16 लोगों को वाघ की शिकार करने के मामले में अंतरराष्ट्रीय टोली के सहभागी होने के संदेह के चलते उन्हें गिरफ्तार किया है। इसमें 5 महिला, 6 पुरुष और 5 छोटे बच्चे भी शामिल हैं। जांच के दौरान 6 नग शिकंजे, 3 वाघों के नाखून, धारदार हथियार और 46 हजार रुपये जब्त किए गए हैं। इसके अलावा, करीमनगर, तेलंगाना और धुले, (महाराष्ट्र) से भी संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर गुनाह दर्ज किया गया है।28 जून 2023 को असम राज्य के गुवाहाटी में पुलिस विभाग और असम वन विभाग के संयुक्त कार्रवाई में हरियाणा राज्य के बावरिया समुदाय के 3 व्यक्तियों को बाघ के पंजे और हड्डियों सहित अटक किया गया गया।
जाँच दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर वन्यजीव गुन्हे नियंत्रण ब्यूरो ने देश के सभी मुख्य व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र में वाघ का शिकार होने की संभावना की जानकारी 29 जून, 2023 को दी थी।
ताज़ा जानकारी के अनुसार, चंद्रपूर और गडचिरोली इलाकों में वन्यजीवों का शिकार किया गया था। इसे जांचने के लिए ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक डॉ. जितेंद्र रामगावकर ने एक तीन सदस्य टीम को गुवाहाटी भेजा गया और यह टीम ने वहां एक कारागृह में बंद आरोपी की जांच की। व्याघ्र प्रकल्प के इलाके मे एक महत्वपूर्ण सदस्यो की टीम वन क्षेत्र में होने की सूचना सामने आयी।
इस गुप्त जानकारी के आधार पर पुलिस विभाग ने सहायता के साथ सभी संदिग्ध तत्वों पर निगरानी रखी गई और उन्हें हिरासत मे लेने के लिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प, चंद्रपूर वनविभाग और गडचिरोली वनविभाग की एक संयुक्त टीम की स्थापना की।
सभी संदिग्ध हरियाणा और पंजाब राज्यों के निवासियों होने की जानकारी जाँच दौरान सामने आयी है साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में शिकार प्रकरणों में शामिल होने की सूचना है। आगे की जाँच जारी है।
वाघ के शिकार करने वाली टीम को गिरफ्तार करने में वनविभाग और पुलिस विभाग को बडी सफलता मिली है। इस बडी सफलता के पीछे PCCF (वन्यजीव) महीप गुप्ता के मार्गदर्शन मे मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प प्रमुख ख्य वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक ज्योती बॅनर्जी, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक डॉ. जितेंद्र रामगावकर , गडचिरोली वनवृत्त के वनसंरक्षक रमेश कुमार ने महत्वपूर्ण रोल निभाया। साथ ही चंद्रपूर पुलिस के अधीक्षक रवींद्र सिंग परदेशी एवं स्थानिक पुलिस अधिकारी ने भी इसमें मदद की।