चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के मोहर्ली गेट पर स्थित रितिक मासळकर के कैमरा शॉप से एक व्यक्ति ने 16 जून 2024 को दोपहर सफारी के वक्त अपना पहचान पत्र (आधार कार्ड) दिखाकर Nikon D5300 कैमरा के साथ 70 x 300 लेंस किराए पर लिया। लेकिन उस व्यक्ति ने शाम को सफारी के बाद कैमरा वापस नहीं किया। इसके बाद उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। आखिरकार, रितिक मासळकर ने दुर्गापुर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई। अभी तक उस व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है।
स्वयं का जीवनयापन करने के लिए स्थानीय लोग रोजगार करते हैं, लेकिन कुछ चोर उन्हें ऐसा नहीं करने देते। ऐसी स्थिति में मदद के लिए किसे पुकारें, यह समझ नहीं आता। ताडोबा एकमात्र ऐसा पार्क है जहाँ सफारी के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर सख्त पाबंदी है, इसलिए कुछ स्थानीय लोग मोहर्ली गेट पर कैमरा किराए पर देने का व्यवसाय चलाते हैं। रितिक मासळकर ने कुछ दिन पहले ही नागपुर से 65,000 रुपये का नया Nikon D5300 कैमरा 70 x 300 लेंस के साथ खरीदा था, और वही कैमरा चोर ने किराए पर लिया और वापस नहीं किया। कैमरा किराए पर लेते समय ग्राहक अपना पहचान पत्र दिखाता है तो कोई दुकानदार पहचान पत्र जमा भी करता है तो कोई पहचान पत्र का फोटो खींचकर रखता है। उसने जो आधार कार्ड दिखाया, उसमें उसका नाम सतीश घनश्याम सोनेवाने था। लेकिन जल्दी कैमरा किराए पर देने के चक्कर में आधार कार्ड के पीछे की तरफ का फोटो न लेने के कारण उसका पता लगाने में दिक्कत हो रही है। इस बात को अभी एक सप्ताह बीत गया है, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पाया है।
दुर्गापुर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। साथ ही, पुलिस विभाग ने दुकानदारों को ऐसे चोरों से सावधान रहने की सलाह दी है।