ताडोबा में स्थानीय व गैर स्थानीय जिप्सियों को लेकर ग्रामपंचायत में विवाद

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ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में कुल 20 द्वारों में से 125 जिप्सी हैं, जिनमें से कुछ स्थानीय ग्रामीणों की हैं, कुछ रिसॉर्ट मालिकों की हैं और कुछ गाईड के पास हैं।

वन विभाग की नई नीति के तहत ताडोबा (कोर) गेट पर नई जिप्सियों का पंजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग ने संबंधित ग्रामपंचायत में मोहर्ली के 12 जिप्सी, भामडेळी 4 जिप्सी, सीतारामपेठ 4 जिप्सी, कोंडेगांव 4 जिप्सी और कोलारा 4 जिप्सी लगाने के लिए पत्र दिया गया हैं इसलिए, प्रत्येक गांव में रोजगार के लिए ग्राम पंचायत के तरफ 50 से अधिक आवेदन जमा हुवे हैं।अकेले मोहर्ली गांव में 12 जिप्सियों के लिए 130 आवेदन जमा हुवे हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार कई परिवारों से 4 आवेदन प्राप्त हुए हैं. ऐसे समय में चुनाव कैसे करें।
ग्रामपंचायत का पदाधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस आवेदन को रद्द किया जाए। ऐसे में वन विभाग की ओर से एक और पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें मोहर्ली (कोर) गेट से चलने वाली 59 जिप्सियों में से स्थानीय और गैर-स्थानीय कौन हैं? ग्रामपंचायत ने वन विभाग को सूची दे। इसके लिए मोहर्ली ग्राम पंचायत और EDC समिति पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें स्थानीय व गैर स्थानीय जिप्सी धारकों को सूची बद्ध किया गया।

मिली जानकारी के अनुसार कुछ ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले वन विभाग के अधिकारियों ने मोहर्ली गेट के 5 गाइड को 5 महीने के लिए बंद कर दिया था। उस वक्त वनविभाग के अधिकारी ने ग्रामपंचायत से क्यों नहीं पूछा. कुछ ग्रामीणों ने अधिकारी के कहने पर नई जिप्सी लेकर सभी दस्तावेज व EDC सर्टिफिकेट जोड़ने के बाद भी जिप्सियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ । उन्हें सिर्फ एक पत्र दिया गया था जिसमें कहा गया था कि वे आपको बताएंगे जब नई जिप्सी पंजीकरण प्रक्रिया होगी। तो क्यों न अब तक उन्हें सूचित क्यो नही दिया गया।
पर्यटन के संबंध में सभी निर्णय अधिकारियों द्वारा किए जाते हैं। अन्य कार्य के दौरान ग्राम पंचायत और EDC से क्यों नहीं पूछा जाता है। ग्राम पंचायत और EDC को अब महत्व क्यों दिया जा रहा है। यह सवाल गांव के लोग पूछ रहे हैं।
जिप्सी पंजीकरण ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। जिप्सी रजिस्ट्रेशन किसे मिलेगी और किसकी जिप्सी बंद होगी?

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