भारत का सबसे बडा ताडोबा का (वाघडोह) (T33) नर बाघ की मौत

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चंद्रपूर : विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प का सबसे बड़ा बाघ वाघडोह (T33) की वृद्धावस्था में  मौत ।

मिली जानकारी के मुताबिक वाघडोह (T33) नर बाघ की मौत करीब 1 दिन पहले हुई है। कुछ दिन पहले नर बाघ  (T33) को सिंन्हाळा के इलाके में  देखा गया था। वाघडोह (T33) वृद्धावस्था मे होने से उसपर वन विभाग नजर थी ।
मौत की सही वजह पोस्ट मॉर्डन  के बाद ही पता चलेगा और आगे की कारवाही की जायेगी।

वाघडोह नर, जिसे (T33) के रूप में भी जाना जाता था।  इस बाघ की महत्वपूर्ण आबादी में ताडोबा में बहुत योगदान दिया है। उसने कई मादा बाघ के साथ मिलन किया और कई शावको पैदा किया है।
वाघडोह अपने बडे आकार और एक अच्छा पिता होने की  वजह से सभी सैलानियों, मार्गदर्शक और रिसोर्ट संचालकों के दिल में बसा था। वाघडोह (T33) ने अपने दीर्घ आयु से इतिहास रचा है।वृद्धावस्था मे ताडोबा के बफर झोन मे पिछले 5 साल से मामला, जूनोना, लोहारा, मसाळा के  क्षेत्र था। कुछ दिनो से वह सिंन्हाळा क्षेत्र मे आया था ।

महाराष्ट्र वनविभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान (wii) के अनुसार  वाघडोह (T33) करीब 19 वर्ष का था और वह  पूर्णतः आत्मनिर्भर था। इससे पहले राजस्थान के रणथंबोर टाइगर रिजर्व में मशहूर बाघीन मछली लगभग 19 साल तक जीवित थी परंतु उसके वृद्धावस्था (13 -14 ) वर्ष में वनविभाग द्वारा उसका प्राकृतिक आवास में  देखरेख की गई थी।
वही ताडोबा का वाघडोह (T33) पूर्णतः खुद पर निर्भर था यह अपने आप मे अदभूत मामला है।

भारत का सबसे बडा बाघ की मौत से चंद्रपुर जिले में वन्यजीव प्रेमियों में शोक का माहौल है।

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