
गोंदिया: सरकारी धन के गबन के गंभीर आरोपों के चलते गोंदिया जिले के तिरोड़ा वन प्रभाग के तीन वन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में तिरोड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी (RFO) आर. जी. मुन, वाडेगांव सहायक वन क्षेत्र के अधिकारी अब्दुल दुर्रानी और तिरोड़ा सहायक वन क्षेत्र के अधिकारी शैलेन्द्र पारधी शामिल हैं।
गोंदिया के DFO प्रमोद कुमार पंचभाई ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार इन अधिकारियों को निलंबित कर उनकी जिम्मेदारियां अन्य अधिकारियों को सौंप दी हैं।
गबन के दो प्रमुख मामले उजागर
1. जंगली सूअर के हमले का फर्जी मामला:
वन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जंगली सूअरों द्वारा हमले का झूठा मामला बनाकर 10 लाख रुपये का गबन किया।
2. पौधरोपण घोटाला:
दूसरे मामले में 5 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कार्य के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। इसमें पौधरोपण के लिए आवंटित राशि का गबन कर लिया गया, जबकि वास्तविक रूप से कार्य नहीं हुआ।
पेड़ से गिरकर हुई मौत को जंगली सूअर का हमला बताया
तिरोड़ा वन क्षेत्र के खैरलांजी में 2024 मानसून सत्र के दौरान पौधरोपण कार्य में अनियमितताओं के चलते सोनेगांव निवासी गोविंदा गोपी भगत की पेड़ से गिरकर मौत हो गई थी। लेकिन, इस घटना को जंगली सूअर के हमले का मामला बताकर फर्जी मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया और सरकारी धन हड़प लिया गया।
DFO प्रमोद कुमार पंचभाई ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में शामिल तीनों वन अधिकारियों को अनियमितताओं और गबन के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है, और आगे की कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी।
