चन्द्रपुर:- सेवा संस्था द्वारा प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि विदर्भ में सारस क्रेन विलुप्त होने के कगार पर हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सारस के संरक्षण के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित किया था।
समिति के सदस्य प्रोफेसर सुरेश चोपने ने बताया कि इसी के तहत जिला कलेक्टर अजय गुलहाने की अध्यक्षता में चंद्रपुर जिले में सारस क्रेन के संरक्षण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर अजय गुलहाने हैं और इसमें जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिताली सेठी सदस्य सचिव के रूप में शामिल हैं।
सदस्यों में मंडल वन अधिकारी, जल संसाधन के कार्यकारी अभियंता, जिला कृषि अधीक्षक, मंडल वन प्रबंधक, सेवा संस्थान के अंकित सिंह ठाकुर, ग्रीन प्लेनेट के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेश चोपने और इको प्रो के अध्यक्ष बंदू धोतरे शामिल हैं। कुल 9 सदस्यों की समिति गठित की गई है।
चंद्रपुर जिले में पिछले कई वर्षों से सारस क्रेन को नहीं देखा गया है। विदर्भ में 103 सारस क्रेन पंछी की संख्या थी जो अभी 40 तक हो गई है आए दिन पंछियों की संख्या कम होती नजर आ रही है।
सारस क्रेन पंछी प्रेम का प्रतीक माना जाता है यह पंछी अपने जीवनभर अपने जोड़ीदार के साथ ही रहता है। इसका अधिवास नदी ,तालाब और धान के खेत के पास का क्षेत्र है। सारस क्रेन साल में एक बार बारिश के वक्त दो अंडे देता है इनकी आवाज काफी दूर तक सुनाई देती है। यह अपने आप में एक पहचान है।
यह समिति जिले में सारस क्रेन के अस्तित्व और स्थिति और कमी होने के कारणों और उपायों का सुझाव देगी।