(ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोलारा गेट से गए सैलानियों की जंगल सफारी दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल)
चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
ताडोबा एकमात्र ऐसा पार्क है जहाँ सैलानियों को सफारी के दौरान कैमरा का उपयोग करने की अनुमति है, लेकिन मोबाइल फोन का उपयोग सख्त मना है। सफारी दौरान सैलानियों के मोबाइल फोन गाइड एक बॉक्स में जमा कर लेते हैं। आप कितना भी निवेदन करें, सामान्य सैलानियों को अनुमति नहीं दी जाती है। ऐसे में, जब कुछ सैलानी सफारी में मोबाइल फोन का उपयोग करते दिखाई देते हैं, तो बाकी सैलानी नाराज हो जाते हैं। उनका कहना है कि जब ताडोबा मे मोबाईल ban है, तो यह गाडी के लोग कैसे मोबाईल इस्तमाल कर रहे हैं?
कुछ दिन पहले ताडोबा (कोर) क्षेत्र के बाघ का जीप्सीयो से घेरा हुआ वायरल फोटो के कारण 8 गाइड और ड्राइवर को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है । अब देखना यह है की, ताडोबा के आला अधिकारी इस गाड़ी के मालिक, ड्राइवर और गाइड के साथ क्या करते हैं, यह देखना बाकी है। क्या बड़े रिसॉर्ट के लोगों को कुछ अलग छूट दी जाती है? क्या ये नियम सिर्फ ईमानदारी से पैसे भरकर सफारी करने वाले सामान्य सैलानियों के लिए ही हैं?
ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोर के साथ साथ बफर क्षेत्र के अलीझांझा और निमडेला प्रवेश द्वार के नयनतारा, छोटा मटका, भानूसखिंडी नामक बाघों ने सैलानियों को अधिक आकर्षित कर रहा है। इसलिए वहाँ सैलानियों की भीड़ नजर आ रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले ताडोबा के बफर क्षेत्र में अलीझांझा-निमडेला क्षेत्र में द बांबू फॉरेस्ट सफारी लॉज का वाहन पर्यटन के लिए आया था। इस लॉज के संस्थापक और मालिक सुनील मेहता हैं। उनके वाहनों में लगभग सभी के पास बड़े-बड़े लेंस वाले कैमरे थे। इसके बावजूद उन्होंने मोबाइल फोन का उपयोग किया। और गाईड ने रोका भी नही है ऐसे मे यह कह सकते है की वहा सब मिले हुए है सिर्फ सभी आला अधिकारीयो का ध्यान मोहर्ली गेट पे ही जाता है जहाँ बिना कैमरे वाले सामान्य सैलानी बाघ का फोटो नहीं ले पा रहे थे, वहीं दूसरी ओर इस वाहन के पर्यटक कैमरे के साथ-साथ मोबाइल फोन का उपयोग कर बाघ का फोटो ले रहे थे।
ऐसे ताडोबा मे नियम तोड़ने वाली गाड़ी पर ताडोबा प्रशासन कठोर कार्रवाई करती है या चूप रहती है? इसपर सभी वन्यजीव प्रेमी और सामान्य सैलानियों की नजरें टिकी हुई हैं।