ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व का 78.79 वर्ग किलोमीटर विस्तार: मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

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चंद्रपूर ( मोहम्मद सुलेमान बेग ) :

ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (TATR), महाराष्ट्र का सबसे पुराना और प्रमुख टाइगर रिजर्व, चंद्रपुर जिले में स्थित है। यह रिजर्व अपने बाघों की उच्च जनसंख्या और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनाता है। ‘ताडोबा’ नाम एक जनजातीय देवता से लिया गया है, जबकि ‘अंधारी’ इस क्षेत्र से बहने वाली नदी का नाम है।

राज्य सरकार की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व का 78.79 वर्ग किलोमीटर विस्तार किया जाएगा, जिससे इसका वर्तमान क्षेत्रफल 625 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 704 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। इस नए क्षेत्र को ‘विस्तारित अंधारी वन्यजीव अभयारण्य’ के नाम से जाना जाएगा। इस विस्तार का उद्देश्य जिले में चल रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना और बाघों के दीर्घकालिक संरक्षण को बढ़ावा देना है।
विस्तार का एक मुख्य उद्देश्य बाघों की बढ़ती संख्या के लिए सुरक्षित और पर्याप्त आवास की आवश्यकता को पूरा करना है। ‘विस्तारित अंधारी वन्यजीव अभयारण्य’ को शामिल करने से न केवल बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि अन्य वन्यजीव प्रजातियों जैसे तेंदुआ, भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय और विभिन्न पक्षी प्रजातियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। विस्तारित क्षेत्र का पारिस्थितिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह वनस्पति और जीव-जंतु की विविधता से समृद्ध है। इसमें टीक, सलाई, बांस और अन्य वृक्ष प्रजातियों के साथ-साथ औषधीय पौधों का भी समावेश है, जो इस क्षेत्र के जैविक तंत्र को समृद्ध बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह विस्तार मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि बढ़ते क्षेत्र से बाघों और अन्य वन्यजीवों को पर्याप्त जगह मिलेगी, जिससे उनके इंसानी बस्तियों में आने की घटनाएं कम हो सकती हैं।
इस सरकारी पहल से वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को एक नई दिशा मिलेगी, साथ ही पर्यावरण पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

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