वरना वन विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन करेंगे
चंद्रपूर : (मोहम्मद सुलेमान बेग) : विदर्भ में देश में सबसे अधिक बाघ हैं और मानव वन्यजीव संघर्ष में काफी वृद्धि हुई है। हर साल औसतन सैकड़ों लोग जंगली जानवरों के हमले में मारे जाते हैं।
चंद्रपुर के सांसद बाळू धानोरकर ने सरकार से विदर्भ में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए व्यापक उपाय करने की मांग की है। चंद्रपुर जिले में पिछले एक साल में 47 ग्रामीणों की मौत की घटनाएं गंभीर हैं।
मानव बस्तियों में बाघों की मुक्त आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकों और निर्देशों के बावजूद कल तक बाघों की हत्या जारी है।
यह बेहद दुखद है। इसे लेकर सांसद बाळू धानोरकर ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में बड़े पैमाने पर मनुष्यों और घरेलू पशुओं पर हमलों के साथ-साथ बाघों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। वन विभाग इन हमलों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। अगर जंगल में हमले होते हैं तो वन विभाग जिम्मेदार नहीं है।
लेकिन सांसद बाळू धानोरकर ने कहा है कि इसका स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है क्योंकि गांवों और मानव बस्तियों में आतंक फैल रहा है।
इसके साथ ही बाघों के प्रबंधन का अधिकार वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों से तुरंत लेकर जिला प्रशासन व जिला स्तरीय वन विभाग को दिया जाए। जैव विविधता में मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचने के लिए, विकासशील देशों की तरह जैव विविधता को समृद्ध करने के लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से विकास योजना तैयार करना, ग्राम सभाओं के माध्यम से पारंपरिक तरीकों से समुदाय से वन्यजीवों की रक्षा करना, वन अधिकार अधिनियम (धारा 5 के अनुसार) अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी अधिनियम 2006 और 2008 का सख्ती से कार्यान्वयन हो।
वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पर लोगों के अधिकारों को बरकरार रखते हुए बाघों की आबादी को नियंत्रित करने वाली वन्यजीव प्रजातियों का संरक्षण करे।
(लोमड़ी, भेड़िये, जंगली कुत्ते), बाघों को नियंत्रित करने के लिए अध्ययन प्रशिक्षण और कार्य योजना (संख्या पर), प्राकृतिक वन्यजीव गलियारों को बनाए रखना। (कृत्रिम झीलें, रिसोर्ट्स), सांसद बाळू धानोरकर ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उपाय सुझाए हैं।