चिता प्रोजेक्ट के दौरान नामीबीया भारत के साथ द्वीपक्षीय सहयोग के लिए जैविक विविधता के सतत उपयोग और प्रबंधन को बढावा देने के लिए सहमत हुआ था।
दोनो देश मेलकर इंटरनॅशनल ट्रेड इनडेंजर्ड कार्पोरेशन (CITES) मी वनस्पती और जीवो पर होने वाली कन्वेशन मीटिंग मे सस्टेनेबल मॅनेजमेंट को सपोर्ट करने को कहा गया है। इस प्रपोजल मे नामीबिया, बोत्सवाना, साऊथ आफ्रिका और जिम्बाब्वे मे मिलने वाले हाती दांत के व्यापार को सपोर्ट करने के लिए अनुमती मांगी है। भारत ने 1980 से अब तक हाती दंतके ट्रेड पर पूर्ण बँक का समर्थन किया है और ऐसे मे अगर भारत देश इसे सपोर्ट करता है तो यह भारत के लिए बहुत बडा कदम होगा।
नोव्हेंबर महिने मे होने वाले कन्वेंशन मीटिंग जो पनामा मे होने वाली है वहां फिर से वोट के लिये रखा जायेगा। नामीबिया द्वारा दिए गए चीतों के बदले भारत उनके पक्ष में फैसला कर सकता है।
नामीबिया और अन्य देशों में हाथी दांत का कारोबार होता है। हमने इसके लिए भारत से सहयोग मांगा है।
यह एक एमओयू के तहत किया जा रहा है। नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी रोमियो मुयुन्डा ने कहा, अगर भारत हमारा समर्थन करता है, तो हमारा पक्ष और भी मजबूत होगा।