खापा वन परिक्षेत्र में बाघ शिकार का बड़ा मामला, होली के दिन भांगला नाले में मिला मृत बाघ

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मोहम्मद सुलेमान बेग :
खापा वन परिक्षेत्र के सिरोजी गांव के पास होली के दिन बाघ के शिकार का एक गंभीर मामला सामने आया है। भांगला नाले में एक नर बाघ मृत पाया गया, जिसकी मौत करंट लगने से होने की आशंका जताई जा रही है। वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और दोषियों की तलाश जारी है।
स्थानीय निवासियों की सूचना पर हरकत में आया वन विभाग 14 मार्च को सिरोजी गांव के स्थानीय निवासियों ने नागलवाड़ी परिक्षेत्र के वन अधिकारी एस. डी. गडलिंगे को भांगला नाले के पास एक जंगली जानवर के शव की सूचना दी। मौके पर पहुँचे वन अधिकारियों ने पाया कि मृत जानवर एक नर बाघ था, जिसकी उम्र लगभग 3 से 3.5 वर्ष आंकी गई।

बाघ के पंजे, मूंछ और दांत गायब, शिकार की पुष्टि

प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि शिकारियों ने बाघ के पंजे, मूंछ और दांत निकाल लिए थे, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह मामला अवैध शिकार से जुड़ा हो सकता है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उपवन संरक्षक (DCF) डॉ. भारत सिंह हाड़ा और सहायक वन संरक्षक (ACF) वी. सी. गंगवाने को तत्काल सूचना दी गई, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर स्थिति का जायजा लिया।

करंट से शिकार के सबूत मिले

जांच के दौरान वन अधिकारियों को 11 केवी बिजली लाइन के पास अस्थायी करंट ट्रैप मिला। शिकारी लोहे के तार और बांस की सहायता से इस तरह का जाल बिछाकर जंगली जानवरों का शिकार कर रहे थे। वन विभाग ने मौके से ये उपकरण जब्त कर लिए और प्रारंभिक निष्कर्षों से पुष्टि हुई कि बाघ की मौत इलेक्ट्रोक्यूशन (करंट लगने) से हुई।

मामले की गहन जांच के लिए पेंच टाइगर रिजर्व, नागपुर से डॉग स्क्वायड को बुलाया गया, जो अपराधियों के बारे में और अधिक सुराग जुटाने में मदद करेगा।

पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के तहत बाघ का पोस्टमॉर्टम किया गया। इस प्रक्रिया में शामिल विशेषज्ञों में शामिल थे:
डॉ. राजेश फुलसुंगे (नागपुर),
डॉ. मयूर पावशे (WRTC गोरेवाड़ा),
डॉ. मयंक बारडे (पेंच टाइगर रिजर्व)
इसके अलावा, वन्यजीव विभाग, NTCA और स्थानीय वन्यजीव जीवविज्ञानी श्रीकांत ढोबले भी पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद थे।

वन अधिकारियों ने फॉरेंसिक जांच के लिए बाघ के विसरा के नमूने क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, नागपुर भेज दिए हैं। इससे बाघ की मौत से जुड़े और भी वैज्ञानिक प्रमाण जुटाए जाएंगे।

शिकारियों की तलाश तेज, बड़े नेटवर्क की आशंका

वन विभाग ने दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
घटनास्थल पर मिले सुरागों की गहन जांच की जा रही है। पूर्व में हुई वन्यजीव अपराधों की घटनाओं से मिलान किया जा रहा है। वन अपराधों से जुड़े संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
इस मामले की जांच का नेतृत्व सहायक वन संरक्षक (ACF) वी. सी. गंगवाने और परिक्षेत्र अधिकारी एस. जी. अठावले कर रहे हैं। इनके मार्गदर्शन में वन्यजीव अपराध शाखा पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

पुलिस प्रशासन भी जांच में जुटा

वन विभाग के साथ-साथ खापा पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है। खापा पुलिस स्टेशन अधिकारी गिरी साहब उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) अनिल मास्के (IPS) ये अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद थे और अपराधियों की तलाश में वन विभाग का सहयोग कर रहे हैं।

अवैध शिकार पर होगी सख्त कार्रवाई

वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस घटना में संलिप्त शिकारियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उपवन संरक्षक (DCF) डॉ. भारत सिंह हाड़ा ने कहा,
“अवैध शिकार एक गंभीर अपराध है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हम सख्त कदम उठाएँगे। इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।”

वन विभाग की अपील
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर किसी को इस घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी मिले तो वह तुरंत वन विभाग या पुलिस को सूचित करें ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

बाघ संरक्षण की दिशा में यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है। इस तरह की घटनाएँ वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा हैं और वन विभाग द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई से ही अवैध शिकार पर रोक लगाई जा सकती है।

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