(विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा कॉमन क्रेन सारस, चोरी छुपे 2 कार में भरकर कोलकाता से मुंबई जाने की जानकारी, गोंदिया गश्ती पुलिस ने पकड़ा)
जिला प्रतिनिधी (यश कायरकर): पूर्णतः विलुप्ति होने की कगार पर पहुंचा, दुर्लभ पक्षियों के श्रेणी में आने वाले कॉमन क्रेन सारस की तस्करी के मामले भी बढ़ रहे हैं। गश्त में जुटे पुलिस जवानों ने कारवाई करते हुए कोलकाता से मुंबई 2 कार में भरकर भेजे जा रहे 5 सारस पक्षियों को तस्करों के चंगुल से बचाया है।
सविस्तर जानकारी….
महामार्ग पुलिस केंद्र डोंगरगांव ( जि. गोंदिया के पुलिस उपनिरीक्षक दिनेश कुमार पो.नायक बनोठे, पो.सि. अली की टीम सितंबर को महामार्ग क्र. 53 पर गश्ती पर थी इसी दौरान ग्राम बाम्हणी के निकट संदेहास्पद अवस्था में 2 कार पुलिस को आते दिखायी दी, जिन्हें तलाशी लेने के लिए रोका गया।
जिस में टोयोटो इनोवा वाहन क्र. GJ -05/JB 7737 तथा सुझुकी ब्रेझा क्रमांक. GJ -05 / RE. 7430 की तलाशी ली तो टोयोटो इनोवा में 2 व्यक्ति बैठे हुए थे तथा कार के पीछे के हिस्से में 5 बड़े पक्षी दिखायी दिए।
वाहन में सवार व्यक्ति ने अपना नाम समीर शाकीर मंसुरी (29) तथा हदरूद्दीन गुलाबमोयुद्दीन मौलवी (25 दोनों रहवासी सूरत राज्य गुजरात) बताया।
उसी प्रकार दूजे वाहन क्र. आर.ई. 7430 में 3 लोग बैठे थे, जिन्होंने अपना नाम मुसा शे (24), शहजाद शेख सकील (29), पठान हुए गुलाम साबीर (19) भिंडीबाजार, सूरत रा. गुजरात) बताया। तीनों भिंडी बाजार,सुरत गुजरात के रहने वाले हैं। तलाशी लेने पर बताया कि उक्त पांचों व्यक्ति कलकत्ता से मुंबई की ओर जा रहे थे।
वाहन में मौजुद पक्षियों की जब उक्त
बारिकी से जांच की गई तो पता चला कि, उक्त दुलर्भ जाति के सारस पक्षी (कॉमन क्रेन) है। इन पक्षियों की अवैध रूप से तस्करी होने बात सामने आने पर उक्त पांचों आरोपियों हिरासत में लिया गया तथा मामले से वनविभाग के राऊंड ऑफिसर वाढई को जानकारी दी गई।
तत्काल ही राऊंड ऑफिसर वाढई अपनी टीम के साथ तथा गोंदिया के मानद वन्यजीव रक्षक सावन बहेकार भी अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे। आगे की कानूनी कारवाई के लिए दोनों वाहन तथा पांचों आरोपी व 5 दुर्लभ जाति के कॉमन क्रेन पक्षी वनविभाग वनपरिक्षेत्र अधिकारी गाड़वे, राऊंड ऑफिसर वाढई को सौंपे गए। जिन्हें इलाज और आगे की जांच के लिए गोरेवाडा,नागपुर भेजें जाने की जानकारी है।
पकड़े गए आरोपियों से इस बात की पूछताछ की जा रही है कि , यह सारस पक्षी उन्हें कोलकाता से ही या अन्य किस जगह से और किस व्यक्ति द्वारा, कहां से हासिल हुए..? और मुंबई में, ही या गुजरात में,या अन्य जगह पर, किसे और किसलिए सौंपे जाने..? थे इस बात की तलाश करनी है, और अगर कोलकाता से आए हैं तो इतनी दुरी तक ये तस्कर इन सारस पक्षियों के साथ बिना किसी रोक-टोक के पहुचे कैसे..?
सरस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है इसकी विश्व में कुल आठ जातियां पाई जाती है उन्हीं में से सारस की एक प्रजाति कॉमन क्रेन ( साइबेरियन ) हैं। जो कि विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है।