चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग) :
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के मोहर्ली गांव मे निर्माण हो रहे रिसोर्ट कार्य के लिए आये मध्येप्रदेश से मजुरो द्वारा फ़ैलायी जा रही गंदगी। मोहर्ली गाव मे पीछले कुछ महिनो से रिसोर्ट निर्माण का काम सुरू है आगे और एक से दो साल तक काम सुरू रहने वाला है। यहा काम के लिए आये मजुरो को पुरी सुविधा देने का काम रिसीर्ट मालक का होता है। ऐसे मे यहा 50 से ज्यादा मजुर काम कर रहे है। ऐसे मे यह मजूर शौच करने खुले मे जा रहे है। एक तरफ मोहर्ली गट ग्रामपंचायत को स्वच्छता का पुरस्कार मिला है जहां 100 % शौचालय बने हुए हैं और गांव के सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। साथ ही वनविभाग, NGO और मोहर्ली ग्राम पंचायत द्वारा प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है स्वच्छ सुंदर मोहर्ली बनाने के लिए सभी प्रयास किया जा रहा हैं। ऐसे में खुले मे शौच करके बिमारियो को आमंत्रित करने का काम यह मजूर कर रहे है। साथ ही ताडोबा के छबी को खराब कर रहे हैं और वन्यजीव का गांव के आसपास आना जाना लगा रहता है। ऐसे मे अनिश्चित हातसा होने की शक्यता है । स्वच्छ सुंदर मोहर्ली को खराब करने का काम कुछ नये रिसोर्ट निर्माण को आये हुए मजुरो द्वारा किया जा रहा है। एक तरफ वन प्रशासन इको सेंसिटिव झोन बनाए है। जहां ताडोबा के कोर क्षेत्र से 1 किलो मीटर तक कोई भी निर्माण कार्य नही कर सकते है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार से 2 किलो मीटर की भीतर रिसोर्ट निर्माण करने की अनुमती नही होने बाद भी रिसोर्ट निर्माण कैसे हो रहे है। वनविभाग का भी कोई ध्यान नही है।ऐसे अंगीणक सवाल वन्यजीव प्रेमी की ओर से सामने आ रहे है।
विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में देश-विदेश के काफी सैलानियों का आना जाना लगा रहता है कुछ सैलानी बर्ड वाचिंग के लिए डैम के परिसर में घूमते हैं ऐसे में बाहर खुले में शौच करने से उस क्षेत्र मे गंदगी फ़ैला रहे है।
चंद्रपुर जिले में मानव वन्यजीव संघर्ष चरम सीमा पर है। ऐसे मे मानव की वन्यजीव से कोई जीवित हानी ना हो करके खुले मे शौच करना खतरे से खाली नही है। वन विभाग और ग्राम पंचायत की ओर से सक्त कारवाही होने की मांग वन्यजीव प्रेमी की ओर से की जा रही है।
वन्यजीव प्रेमी एवं संरक्षक अजय पोद्दार बताते हैं कि मोहर्ली बफर अपने सुंदरता और जैविक विविधता के लिए जाना जाता है यहां कहीं तरह के पंछी और वन्यजीव दिखाई देते है और यह देखने बहुत से स्थानिक और सैलानी सुबह बर्ड वाचिंग के लिए आते हैं ऐसे में रिसोर्ट कंस्ट्रक्शन काम को आए हुए लेबर के खुले में शौच करने से बर्डिंग एवं दुसरी ऍक्टिवीटी मे मुश्किल हो रही है। खुले में शौच से वन्यजीव पर असर होता है। मानव वन्यजीव संघर्ष को बढाता है। संबंधित प्रशासन ने रिसोर्ट मालक को नोटिस देकर इसे रोखना चाहिए। जिससे मानव और वन्यजीव संघर्ष को टाला जा सके।