
रत्नागिरी जिले के लांझिया में युवकों को मिली पैंगोलिन बिल्ली को दिया जीवनदान रात 11 बजे के करीब रोड पे मिली पैंगोलिन बिल्ली की जानकारी प्रशांत शेट्ये, सौरभ कारेकर और प्रशात तिखे ने वन विभाग को दी। क्रिकेट टूर्नामेंट से वापस आते वक्त इन तिन्हों को रोड पे पैंगोलिन बिल्ली मिली।
उस बिल्ली के साथ कोई दुर्घटना ना हो करके उसेे अपने हिरासत लेेकर
फिर इसकी सूचना गाव के सरपंच संजय पाटोले, पुलिस पाटिल बाबू पाटोले दी। फिर उन्होंने लाज्या के वनपाल विट्ठल आरेकर व वनरक्षक सागर पताड़े को जानकारी दी। वन विभाग ने उस बिल्ली को अपने हिरासत में लिया और उसे रात को ही जंगल मे सुरक्षित छोड़ दिया गया।
यह दुर्लभ पैंगोलिन बिल्ली को बचाकर उसकी सुरक्षा का एक उदाहरण निर्धारित किया है,
कोंकण में बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है। इस संबंध में मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। पैंगोलिन बिल्लियों की तस्करी करने वाले दलाल ग्रामीणों को पैसे के लिए इन जानवरों का शिकार करने का लालच देते हैं। अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी के बाजार में पैंगोलिन बिल्लियों की काफी मांग है। हालांकि, पैंगोलिन बिल्लियों को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता है।
पैंगोलिन बिल्लिया स्तनधारी है। इसके शरीर पर केराटिन के बने स्केल नुमा संरचना होती इसलिए, शिकार, व्यापार, तस्करी और उनका परिवहन करना कानून के तहत एक अपराध है। राज्य में पैंगोलिन बिल्लियों की बढ़ती तस्करी के मद्देनजर, वन विभाग पैंगोलिन बिल्ली संरक्षण के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है।
