
यश कायरकर :
2 अप्रैल 2022 को महाराष्ट्र समेत विदर्भ के आसमान में शाम 7:30 बजे धूमकेतु सा जलता हुआ पृथ्वी की तरफ आते हुए दिखाई दिया था । जिससे धूमकेतु समझा गया था और लोगों में घबराहट पैदा हो गई थी। और कूतूहल भी बढ गया था । मगर उसी शाम रात को सिंदेवाही तालुका के गडबोरी में और उस धूमकेतु समझे जाने वाले चीज के कुछ अवशेष आजू बाजू के परिसर में बिखर के गिर गए थे। जिनके मिलने के बाद वह धूमकेतु नहीं तो मानव निर्मित सेटेलाइट उपग्रह होने की बात सामने आ गई थी।
2 अप्रैल की रात को सिंदेवाही के गढ़बोरी में एलमुनियम की गोलाई वाली एक रिंग मिली थी. फिर 1 दिन बाद सिंदेवाही तालुका के पवनपार जंगल में मोहफुल इकट्ठा करने गए हुए लोगों को फिर एल्यूमीनियम का एक गोला मीला था। वजन 5 किलो के आसपास था यह सिलसिला बदस्तूर चलता रहा है और इसी तालुके के मरेगांव, गुंजेवाही, एक-समान 3 गोले के आकार के उसी उपग्रह के सिलेंडर मीले थे. ‘इसरो’ के कुछ सदस्यों ने आकर जांच के लिए तहसील में मिले हुए अवशेष साथ लेकर गए थे.
इसी के सिलसिले में वर्धा जिले के हिंगनघाट परिसर में भी कुछ दिनों पूर्व एक गोले नुमा चिज लोगों को मिला था और कल 09 मे 2022 के शाम को सिंदेवाही वन परिक्षेत्र के नवरगांव के कक्ष. क्रमांक 234 में तेंदूपत्ता संकलन करने के लिए गए लोगों को एक कार्बन वायर में लिपटी हुई गोले नुमा चीज दिखाई दी। इसकी जानकारी तुरंत नवरगांव क्षेत्र के क्षेत्र सहायक एस. वाय. बुल्ले, वन रक्षक नितेश सहारे को दी गयी और उन्होंने उपग्रह के अवशेष को लाकर नवरगांव के ऑफिस में जमा किया गया है।
