सिंदेवाही (यश कायरकर) :
ब्रम्हपुरी वन विभाग अंतर्गत सिंदेवाही वन परिक्षेत्र में कथित तौर पर, प्राकृतिक रूप से मरे हुए बाघ के शरीर के अवशेष को निकालने और उसमें से तांत्रिक द्वारा गुप्त धन के लिए (कजरी) निकालने की चौंकाने वाली घटना उजागर हुई है।
वन विभाग ने इस मामले में कल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। धनोरा निवासी नागेंद्र किसान वाकडे और तिरखुरा निवासी सोनल अशोक धाडसे यह आरोपियों के नाम है।
उनके पास से बाघ के अंगों को जब्त कर लिया गया, और दोनों आरोपियों को मंगलवार, 8 जून, 2021 को अदालत में पेश किया गया और आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इस घटना से वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सिंदेवाही तालुका के मरेगांव इलाके में कक्ष क्रमांक 261 में एक बाघ की प्राकृतिक रूप से मौत हो गई थी।
जब दोनों आरोपी इलाके के जंगल से तेंदूपत्ता लाने के लिए जा रहे थे, तो उन्हें एक मरा हुआ बाघ मिला।
आरोपी ने बाघ के शरीर से 11 नाखून, बाघ के पूरे दांत और 16 मूंछ के बाल एक तांत्रिक को सौंप दिया।
इस घटना की चर्चा क्षेत्र में शुरू होते ही सिंदेवाही वन परिक्षेत्र अधिकारी को यह जानकारी मिली गोपनीय जानकारी के आधार पर सोमवार, 7 जून 2021 को दो आरोपी नागेंद्र किसान वाकडे और सोनल अशोक धाडसे इन दोनों गिरफ्तार किया गया। इस मामले की जांच दौरान आरोपी ने कबूल किया।
आरोपियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी की पुष्टि करने के लिए, उन्हें सिंदेवाही तालुका के मरेगांव क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 261 में मौके पर लाया गया। मौके पर करिबन एक महीने पहले मृत बाघ का शव मिला। जिसकी उम्र तकरीबन सवा साल से देढ़ साल के आसपास हो सकती है। इस मृत बाघ के 11 नाखून और पूरे दांत और मूंछों को छोड़कर शरीर का बाकी हिस्सा बरकरार था।
मौके पर बाघ के शव के बारे में पूछताछ करने के बाद, मोक्का पंचनामा कर, शेष मृत बाघ के शव का वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद आरोपी ने कबूल किया कि बाघ के शरीर के अंग उसके पास मौजूद है।
आरोपियों के पास से 11 नाखून, 16 मुछ के बाल, 4 छोटे दांत,हड्डियां 4 यह शरीर के अवशेष जब्त कर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 39, 48, 50, 51 और 57 के तहत गिरफ्तार किया गया ।
विशेष रूप से यह बात सामने आई है कि आरोपी बाघ के शरीर के अंगों का इस्तेमाल किसी भोंदू बाबा द्वारा गुप्त धन खोजने और पैसे की बरसात करने हेतु (कजरी) निकालने के लिए, अघोरी पुजा के लिए किया जाता था।
4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजकर आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जिसके अधिक जानकारी के आधार पर इस मामले में आज अन्य दो गुन्हेगारों जिसमें एक महिला, तिरखुरा,पो. महालगांव था. चिमुर निवासी सौ. संजाशा सोनल धाडसे (34) और जाटलापुर (तू.)ता. सिंदेवाही निवासी, श्री हेमराज रेखचंद राऊत (35) दोषियोंको हिरासत में लिया गया है।
इस मामले की जांच ब्रह्मपुरी के उपवनसंरक्षक दिवेश मल्होत्रा , उपविभागीय पोलिस अधिकारी अनुज तारे, सहाय्यक वनसंरक्षक श्रीमती बोगाळे इनके मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी गोंड, नागभीड़ वनपरिक्षेत्र अधिकारी गायकवाड, उत्तर ब्रम्हपुरी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्रीमती ब्राह्मणे कर रहे है।
इस अवसर पर NTCA प्रतिनिधि बंडू धोत्रे, PCCF प्रतिनिधि और वन्यजीव रक्षक विवेक करंबेडकर, डॉ. एम.बी. लाडे, डॉ. विवेक सुरपाम आदि उपस्थित थे।
इस मामले में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राज्य संघटक श्री हरीभाऊ पाथोडे के अनुसार ” अंधविश्वासों के चलते अघोरी पुजा करने, धनवर्षा करनेके लिए हत्या ,शिकार करके तरह वन्यजीव बाघ घे नाखुन, पालतू जानवरों या इंसानी अंगों को इस्तेमाल करने से फायदा नहीं होता, ईन आरोपी यों पर ‘जादुटोना विरोधी कायदा’ के अनुसार धाराये लगाई जानी चाहिए”
“आरोपी बचने के लिए, हमे बाघ मृत मीला हमने सिर्फ उसके अंग निकालकर लाये है,यह कह रहे हैं, पर उन्होंने ही बाघ को नहीं मारा ये कैसे कह सकते है? और जो पिछले कुछ सालों में सावली परिसर से बाघ गायब होने की घटनाओं से भी,और अंतरराज्यीय शिकारीयोंसे इन आरोपियों के संबंधों की जांच करनी चाहिए।” मानद वन्यजीव संरक्षक श्री विवेक भाऊ करंबेकर ब्रम्हपुरी।
सिंदेवाही वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री गोंड सर,और उनके वन कर्मियों की ईस कार्रवाई पर परिसर और वन्यजीव प्रेमियों ने सराहना की है।