आज 09 मई 2021 रोज शामको एक पूर्ण विकसित नर बाघ (खली) को ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के आगरझरी बफर में पाया जाने वाला बाघ को पीछे के अंगों में पैराप्लेजिया के कारण वह चल नहीं पा रहा था। उस नर बाघ को शांत कर उसे अब इलाज के लिए पिजरे में नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया गया है ।