विश्व प्रसिद्ध नर बाघ मुन्ना सामान्य वन मंडल पश्चिम मंडला से रेस्क्यू कर दिनांक 24 /10 /19 को वन को वनविहार में लाया गया था । वर्तमान में इसकी उम्र लगभग 19 वर्ष से अधिक थी नर बाघ मुन्ना ने दिनांक 02/03/21 से अपना सामान्य भोजन लेना बंद कर दिया था तथा इसके पिछले दिनों पैर भी लकवा ग्रस्त हो गए थे एवं मुन्ना उठने और चलने में भी सक्षम नहीं था। इसका इलाज लगातार डॉ. अतुल गुप्ता, वन्य प्राणी चिकित्सक वन विहार एवं अन्य चिकित्सा के परामर्श द्वारा किया गया जा रहा था। परंतु उसमें अधिक वृद्धावस्था के कारण कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ । उल्लेखनीय है की गतवर्ष फरवरी 2020 में भी मुन्ना के पिछले पैरों मे लकवा हुआ था तथा उठने एवं चलने में भी अक्षम था। इलाज उपरांत 10 मार्च 2020 में भी उसे ठीक कर लिया गया था।
वह 2002 में पैदा हुआ सबसे बडा और सबसे पुराने जंगली बाघों में से एक होने से सभी पर्यटकों और फोटोग्राफरों के बीच विश्व स्तर पर प्रसिद्ध था।
आज दिनांक 7 मार्च को प्रातः 8:25 पर उसकी मृत्यु हो गई । मृत्यु उपरांत उसका पोस्टमार्टम डॉ. अतुल गुप्ता, वन्यप्राणी चिकित्सक, डॉ. सुनील कुमार तुमडीया, डॉ. प्रशांत देशमुख एवं डॉ. रजत कुलकर्णी द्वारा किया गया। प्रथम दृष्टया मृत्यु का कारण वृध्दावस्था होना बताया गया है । पोस्टमार्टम उपरांत वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इसे ससम्मान नम आंखों से अग्नि को समर्पित कर दिया गया । मुन्ना बाघ के निधन से संपूर्ण वनविहार, कान्हा एवं वन्य प्राणी प्रेमियों में शोक की लहर व्याप्त है।