चंद्रपुर (मोहम्मद सुलेमान बेग): विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व मे हर साल 2 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है। ताडोबा आंधारी टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में कुल 15 प्रवेश द्वार हैं, जिनमें से 6 प्रवेश द्वार कोर क्षेत्र के हैं। यहाँ पर ताडोबा की सीमाओं के अंदर सफारी के दौरान मोहक वन्यजीवों के दर्शन का अवसर प्राप्त किया जा सकता है।
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों का संरक्षण करना है, साथ ही जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देना। इन लक्ष्यों के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए वन विभाग ने मौजूदा जिप्सी वाहनों को संशोधित करके बैटरी संचालित वाहनों को प्रस्तुत करने की योजना बनाई है।
ताडोबा आंधारी टाइगर रिजर्व के कोर और बफर क्षेत्र में सैलानियों के सफारी के लिए 500 से अधिक जिप्सी वाहनों का उपयोग हो रहा है। हालांकि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने और अतिथि का अनुभव को बढ़ाने के लिए वनविभाग इन जिप्सी वाहनों को बैटरी संचालित वाहनों में बदलने के एक परियोजना की शुरुआत की है।
यह योजनाएँ प्रारंभिक चरण में हैं और वनविभाग ने सफलतापूर्वक एक पुराने जिप्सी में से एक को बैटरी संचालित वाहन में परिवर्तित किया है जो वर्तमान में कोर और बफर क्षेत्रों में चल रहे परीक्षण सफल होने से इस बैटरी संचालित वाहन को नियमित सफारी कार्यों के लिए प्रस्तुत करने का योजना बनायी हैं। और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा निर्देश भी भारत में टाइगर रिजर्व को बैटरी संचालित वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए कहते हैं और साथ ही महाराष्ट्र के माननीय वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का भी बैटरी संचालित वाहन को समर्थन करते है। ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के उपसंचालक (बफर) कुशाग्र पाठक ने प्राथमिकता देने का पहला कदम उठाया है कि वनविभाग सतत और जिम्मेदार पर्यटन अभियांत्रिकी प्रथाओं को लागू करेंगा।
इस अवसर पर ताडोबा बफर उपसंचालक कुशाग्र पाठक ने कहा की भारत मे यह एक मात्र व्याघ्र प्रकल्प है जहां लोकल लोगो ने आगे से आकर खुद बैटरी संचालित जिप्सी खरेदी है। इसमे साहिल बेग, प्रविन धवणे, विरेंद्र मानकर, रामदास भसारकर है। इन चार लोगो के वाहन को बैटरी संचालित जिप्सी बनाने के लिए ताडोबा फाउंडेशन से प्रति वाहन को 4 लाख 75 हजार का लोन कम से कम ब्याज 4% पर दिया गया है। यह बैटरी संचालित जिप्सी को रोटेशन मे लिया जायेगा। इन जिप्सीयो को एक अलग कोटा दिया जायेगा।
बैटरी संचालक वाहनों के फायदे
बैटरी शक्ति का उपयोग करके, हम इमिशन को संकटपूर्ण रूप से कम करते हैं और हरित पर्यावरण के प्रति योगदान करते हैं।
पारंपरिक वाहनों के खिलाफ, बैटरी संचालक वाहनों का कोई भी इमिशन नहीं पैदा करता है, इसके परिणाम स्वरूप ताडोबा आंधारी टाइगर रिजर्व के अत्यंत संवेदनशील पारिस्थितिकी को कम से कम असहमति का सामना करने की सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, बैटरी संचालक वाहनों में एक बैटरी प्रबंधन प्रणाली होती है जो विशेष चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता के बिना सुरक्षित और कुशल चार्जिंग की गारंटी देती है। बैटरी को किसी भी 15 एम्पीयर प्लग से आसानी से चार्ज किया जा सकता है। एक पूरे चार्ज के साथ छः से आठ घंटे में, ये वाहन 100 से 120 कि.मी. की दूरी को कवर कर सकता हैं, जो सफारी को आराम से पूरा करने के लिए पर्याप्त है। और इस रिचार्जेबल बैटरी का जीवन चक्र पांच साल का है, दो साल की वॉरंटी है जो स्थायित्व और दीर्घायु की गारंटी देता है ऐसा संजय वर्मा (ग्रीन ऑटो टेक) के मालक ने कहा है।
इस अवसर पर ताडोबा के उपसंचालक कुशाग्र पाठक ने हरी झंडी दिखाकर बैटरी संचालित जिप्सी को रवाना किया और जिप्सी मालको को उज्वल भविष्य की शुभकामनाये दि इस अवसर पर ताडोबा (कोअर) उपसंचालक नंदकिशोर काळे, उपसंचालक चंद्रपूर प्रशांत खाडे ने भी बैटरी संचालित जिप्सी का ट्रायल लिया गया और सभी को शुभकामनाये दि।