(नागभीड और तळोधी बालापुर पुलिस निरीक्षक को ‘स्वाब’ संस्था का निवेदन)
चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग): सांप के काटने से मृत्यु हो जाने की कुछ दुखद घटनाएं सामने आयी है, जिसमें गत महीने के दौरान नागभीड तालुका में सर्पदंश से मृत्यु होने की कुछ बेहद दुखद घटनाएं हुईं थी। इनमें से कुछ घटनाएं समय पर उपचार न मिलने से मृत्यु हो जाने की जानकारी है।
वर्तमान में बारिश का मौसम होने से कृषि गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं, साथ ही बारिश का पानी खेतों में चला जाता है और सर्पदंशी प्राणियों जैसे कि सांप, विंचु, विषारी कीटों आदि अपने घरो में आसरा ढूंढने आते हैं। और इसके कारण कृषि क्षेत्र में काम करते समय, बच्चे खेलते समय, रात को बाथरूम से बाहर निकलते हुए या रात को सोते समय घर में और कृषि क्षेत्र में सर्पदंश की घटनाएं होती हैं।
लेकिन इस मामले में कुछ लोगों के अंधविश्वास के कारण, सांप के काटने के बाद पीड़ित गावां के लोग अपने तालुके के आस-पास के परिसर में वास्तविक और अन्य स्थानों पर ‘मंत्रिक’ (नागमोती) मंत्र के माध्यम से सांप के विष को उतारने के लिए जाते हैं। इसमें समय पर अस्पताल जाने का संकेत देना और समय पर चिकित्सा उपचार न मिलने के कारण सांप काटे गए व्यक्ति की मौत होती है जिसके जिम्मेदार मांत्रिक ही होते हैं।
इसके लिए सभी ढोंगी और कथित तांत्रिकों की सूची बनाकर उनके खिलाफ ‘जादू-विरोधी अधिनियम 2013’ की धारा 2(ख) अनुसूची 9 के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसा करने से बाद में सर्पदंश की स्थिति में मानव मृत्यु की घटनाओं से बचकर लोगों की जान बचाई जा सकेगी और परिणामस्वरूप सर्प और पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद मिलेगी। इस आशय का एक बयान ‘स्वाब’ संस्था की ओर से तलोदी (बा.) और नागभीड पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक को दिया गया।
“किसी भी जहर को तंत्र-मंत्र से दूर नहीं किया जा सकता है। किसी भी सांप के जहर को उसी प्रजाति के सांप के जहर से बने एंटी-वेनम से ही शरीर में फैलने से रोका जा सकता है। इसलिए लोगों ने किसी फर्जी जादू-टोना करने वाला मांत्रिक के पीछे समय बर्बाद न करते अस्पताल जाना चाहिए।” – यश कायरकर अध्यक्ष ‘स्वाब’ संस्था।
सांपों के संपर्क से बचें और उचित सावधानी बरतें। यदि सर्पदंश का संदेह हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
इस अवसर पर ‘स्वाब’ संस्था के अध्यक्ष यश कायरकर, सदस्य जिवेश सयाम, नितीन भेंडाळे ,शुभम सूरपाम, गणेश गुरूनुले, शुभम निकेसर, विकास लोणबले, तुषार शिवणकर,हितेश मुंगमोडे, प्रशांत सहारे, वेदप्रकाश मेश्राम,आकाश मेश्राम , कुणाल रामटेके, तळोधी के सरपंच राजूभाऊ घिये आदी मौजूद थे।