वन अधिकारी को जंगल की आग के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए – प्रो सुरेश चोपणे

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चंद्रपुर:
भद्रावती तालुका के वनक्षेत्र के तहत आने वाले चोरा राउंड, चोरा और चिचोली बीट में पिछले 6 दिनों से आग में लगभग 5,000 एकड़ जलके खाख हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार
वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही दिख रही हैं।

इस क्षेत्र में भद्रावती-चोरा सफारी  शुरू होने में एक-डेढ़ महीने का समय हुआ है, इस क्षेत्र में पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचने लगे। और इसलिए वन अधिकारी अपनी गहरी नींद में अपनी जिम्मेदारियों को भूल गए।

वहां तैनात फ़ॉरेस्ट गार्ड ने समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को सुझाव दिया कि तेंदुपत्ता के मौसम के दौरान आग की संख्या बढ़ सकती है लेकिन ध्यान नही दिया गया । जंगल की आग को नियंत्रित नहीं कर सके क्योंकि उन्होंने पूरी व्यवस्था नहीं की थी।
हर साल गर्मियों के महीनों में, जंगल को कई कारणों से आग लगती हैं। आग लगने की वजह पता नही चलता मात्र इसमें वन्यजीवों और पक्षियों को काफी नुकसान होता हैं और जंगल की पोषक एवं उपयोगी करोडो किडे अनगिनत सूक्ष्मजीव मर जाते है साथ ही तापमान बढने से भूजल और जल साठा कम हो जाता है।
वन संरक्षण की जिम्मेदारी वन अधिकारी पर होती है साथ जंगल मे होने वाले सभी अवैध गतिविधियों की जिम्मेदारी भी उनकी होती है ऐसे मे जंगल मे लग रही आग और आग लगाने वाले व्यक्ति को साथ वन कर्मचारी को भी जिम्मेदार एवं दोषी ठहराना चाहिए ऐसी शिकायत ग्रीन प्लेनेट सोसायटी के अध्यक्ष प्रा. सुरेश चोपणे ने वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारी, सचिव एव मंत्री से की है।

 

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