
जिला प्रतिनिधी (यश कायरकर) :
दिनांक 24 दिसंबर 2024 को चंद्रपुर जिले के सावली वनपरिक्षेत्र के कवठी गांव में अनिल घोटेकर के खेत में कपास चुनने वाली महिला मजदूरों को एक तेंदुए का शावक दिखाई दिया। यह जानकारी तुरंत सावली वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्री वी.सी. धुर्वे को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और संजीवन पर्यावरण संस्था के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे।
घटनास्थल का निरीक्षण करने पर पाया गया कि यह शावक लगभग 20-25 दिनों का है। वनपरिक्षेत्र अधिकारी ने संजीवन पर्यावरण संस्था के सदस्यों के साथ चर्चा कर यह निर्णय लिया कि शावक को वहीं छोड़ा जाए ताकि उसकी मां रात में आकर उसे ले जाए। इसके लिए वहां चार कैमरे भी लगाए गए।
हालांकि, अगले दिन सुबह निरीक्षण करने पर शावक उसी स्थान पर पाया गया और थोड़ा कमजोर भी नजर आया। यह जानकारी विभागीय वनाधिकारी चंद्रपुर श्री प्रशांत खाडे और सहायक वनसंरक्षक (तेंदू) श्री वी.एस. तरसे को दी गई। उनकी मार्गदर्शन में, डॉक्टर कुंदन पोडचलवार के निर्देश और सहायक वनसंरक्षक श्री पी.पी. खेडकर व सावली वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्री वी.सी. धुर्वे की उपस्थिति में संजीवन पर्यावरण संस्था के अध्यक्ष उमेशसिंह झिरे और सदस्य तन्मयसिंह झिरे ने शावक को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
इस कार्य में सावली वनपरिक्षेत्र के क्षेत्र सहायक श्री आर.जी. कोडापे, पेंढरी के क्षेत्र सहायक श्री मेश्राम, वनरक्षक श्री आर.आर. मुरकुटे, और संजीवन पर्यावरण संस्था के सदस्य अंकुश वाणी, सम्यक गणवीर, श्रीकांत बिडीकर व संकल्प गणवीर उपस्थित रहे।
रेस्क्यू किए गए शावक को आगे के उपचार के लिए टीटीसी चंद्रपुर भेजा गया है।
