यश कायरकर (जिला प्रतिनिधी):
आज 24 अक्टूबर 2024 को सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के उपक्षेत्र नवरगांव, अंतर्गत नवरगांव-1 नियतक्षेत्र में गश्त करते समय मौजा अंतरगांव के खाजगी गट क्र. 191 और 192 के बीच एक खेत में पानी की नहर में मृत बिबट पाया गया। वन विभाग को इसकी जानकारी मिलते ही विशाल सालकर, वन परिक्षेत्र अधिकारी सिंदेवाही, वनकर्मियों और RRU टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पंचनामा किया। घटनास्थल पर एक मादा बिबट, जिसकी आयु लगभग 3 से 4 वर्ष थी, मृत अवस्था में पाई गई। परिस्थितियों के आधार पर, यह संभावना जताई गई कि बिबट की मृत्यु दो से तीन दिन पहले हुई होगी।
सदर घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को मोबाइल द्वारा दी गई। इसके बाद मौके पर एम. बी. चोपडे, सहायक वनसंरक्षक (प्रादे. व वन्यजीव) ब्रम्हपुरी वनविभाग, श्री विवेक करंबेकर, मानद वन्यजीव रक्षक, तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) के प्रतिनिधि यश कायरकर,NGO के प्रतिनिधि (स्वॉब नेचर केअर फाउंडेशन), WPSI प्रतिनिधि रोशन धोतरे, डॉ. बजरंग मुर्लीधर सावरे, पशुधन विकास अधिकारी पेटगांव, और डॉ. शालिनी लोंढे, पशुधन विकास अधिकारी सिंदेवाही उपस्थित हुए। उन्होंने मृत बिबट का निरीक्षण किया और पुष्टि की कि इसके सभी अंग सुरक्षित हैं।
मृत बिबट और उसके आसपास की स्थिति का अवलोकन करने पर बाघ और बिबट के footprints मिले।
इस आधार पर, पशुचिकित्सक ने अनुमान लगाया कि यह बिबट झगड़े में मारा गया होगा। मौकास्थल की जांच के बाद सभी अधिकारियों ने इस मामले को शिकारी से संबंधित नहीं होने की पुष्टि की। इसके बाद मौके पर पंचनामा किया गया और वन अपराध की रिपोर्ट दर्ज की गई।
वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर, मृत बिबट का शवविच्छेदन मध्यवर्ती काष्ट भंडार, सिंदेवाही में दोपहर 1.00 बजे पशुचिकित्सक द्वारा प्रारंभ किया गया। शवविच्छेदन की पूरी प्रक्रिया के बाद, सभी अधिकारियों और पंचों की उपस्थिति में मृत मादा बिबट को जलाया गया।
संपूर्ण विसरा नमूने उत्तरिय जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। उत्तरिय जांच की रिपोर्ट और पशुवैद्यकीय अधिकारी के शवविच्छेदन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही मृत्यू का सही कारण स्पष्ट होगा। हालांकि, प्राथमिक अनुमान के अनुसार, बिबट के पीठ और गर्दन पर काटने के निशान और पंजों के घावों के आधार पर, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि बाघ के हमले में ही बिबट की मृत्यु हुई है।