
जिला प्रतिनिधी (यश कायरकर ):
नागभीड वन क्षेत्र के बाळापूर खुर्द में एक घर में तेंदुआ ने तीन शावको को जन्म दिया था। सोमवार सुबह 7:30 बजे के आसपास गांव के एक व्यक्ति ने देखा कि मादा तेंदुआ उस घर से बाहर निकल रही थी। जब वह उस स्थान पर गया, तो उसे तीन नन्ने शावक मिले। इस जानकारी को सरपंच कमलाकर ठवरे ने वन विभाग को दी।
वन विभाग ने घटनास्थल पर पहुंचकर गांव में पिंजरा लगाया और तेंदुए को पकड़ने के लिए वहां सुरक्षा व्यवस्था की। गांव में दहशत का माहौल फैल गया था, लेकिन एक रात बाद, तेंदुए ने शावक के पास लौटकर पिंजरे में प्रवेश किया और वन विभाग ने उसे पकड़ने में सफलता प्राप्त की। इसके बाद तेंदुआ और उसके शावको को एक सुरक्षित स्थान पर प्रकृति के बीच मुक्त कर दिया गया।
यह कार्यवाही ब्रह्मपुरी के उपवन संरक्षक दीपेश मल्होत्रा की निगरानी में की गई, जिसमें सहायक उपवन संरक्षक महेश गायकवाड, नागभीड के वनपरिक्षेत्र अधिकारी एस. बी. हजारे, तळोधी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी अरुप कन्नमवार, और उत्तर ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र अधिकारी आर. शेंडे शामिल थे। तेंदुआ और शावको को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की प्रक्रिया में ब्रह्मपुरी के बायोलॉजिस्ट राकेश अहुजा, चंद्रपूर के रमाकांत खोब्रागडे (वैद्यकीय अधिकारी), और RRT चंद्रपूर की टीम भी शामिल रही।
तळोधी बाळापूर और नागभीड के वन कर्मचारी, स्वाब टीम के बचाव दल के सदस्य दो दिनों तक गांव में ठहरे साथ ही झेप संस्था के सदस्य और गांव वालों ने भी इस बचाव कार्य में शांतिपूर्वक सहयोग किया।
फिलहाल, भारी बारिश और बाढ़ के कारण वन्य जीव गांवों की ओर आ रहे हैं। वन विभाग ने जंगल और गांवों में रहने वाले लोगों और किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
