नागपुर व भंडारा वनविभागने की संयुक्त कारवाई
जिल्हा प्रतिनिधी (यश कायरकर):
भंडारा और नागपुर वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर पवनी तहसील के निलज नाके पास एक सब एडल्ट (अंदाजन 8 से 10 महीने) के छावक बाघ की खाल सहित 2 तस्करों को गिरफ्तार किया है।
बताया जाता है कि चंद्रपुर में रहने वाले एक आरोपी के पिता के पास 10 साल पुरानी बाघ की खाल थी।
सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से नागपुर वन्यजीव विभाग को पवनी में बाघ की खाल की संभावित तस्करी की गुप्त सूचना मिल रही थी।
वनविभाग ने तस्करों पर निगरानी रखना शुरू कर दी थी। इस मोहिम के लिए वन विभाग भंडारा और बूटीबोरी, नागपुर की विशेष टीम गठित की गई। खाल को बरामद करने के लिए वन विभाग ने जाल बिछाया और आखिरकार बुधवार सुबह 10.30 बजे पवनी तहसील के निलज नाके के पास से 2 तस्करों को खाल के साथ धरदबोचा।
उक्त घटना में आरोपी चंद्रपुर निवासी नीलेश सुधाकर गुजराती (33) और विकास बाथली बाथ (31) शामिल हैं, जब्त सामग्री में सब एडल्ट बाघ की ढाई फीट लंबी एक खाल, एक्टिवा (क्र. एमएच- 34- सीबी-2717) बरामद की गई. दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत वन मामला दर्ज किया गया है।
उक्त कारवाई मुख्य वनसंरक्षक (प्रादेशिक नागपुर ) रमेश कुमार, भरत सिंह हाड़ा, उप वनसंरक्षक (प्रादेशिक भंडारा ) राहुल गवई के मार्गदर्शन में मंडल वन अधिकारी (सतर्कता) पी.जी. कोडापे, रेंजर हीरालाल बारसागड़े (प्रादेशिक पवनी), रेंजर प्रमोद वाडे (प्रादेशिक बुटीबोरी), संजय मेंढ़े (मोबाइल स्क्वाड भंडारा), गार्ड नीलेश तवले, दिनेश पडवल, आर. एस. पोरेते, थुले, वासनिक और वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कार्रवाई की.
आगे की जांच सहायक वनसंरक्षक यशवंत नागुलवर कर रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने कबूला है कि बाघ की खाल 10 साल पुरानी है. आरोपी ने जांच टीमों को जानकारी दी की उसके पिता ने तंत्र मंत्र विद्या के लिए यह खाल चंद्रपुर जिले से प्राप्त की थी. खाल पर बैठकर उसके पिता साधना किया करते थे. पिता की मृत्यु के बाद कोविड काल में घर की साफ सफाई करने पर यह खाल आरोपी को मिली. पैसे के लालच में वह खरीददार ढूंढ रहा था। ऐसे में वन विभाग द्वारा बिछाए जाल में वह फंस गया।