मोहर्ली में बड रहा कांच की बॉटलो का प्रदूषण

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चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग): विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में (single use plastic) एक बार उपयोग के प्लास्टिक को प्रतिबंध किया गया है यह बहोत ही अच्छी बात है  और इसका श्रेय ताडोबा के वनसंरक्षक एवं क्षेत्र संचालक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर  को जाता है । जिन्होने यह पहल की। single use plastic प्रतिबंध करने से प्रदूषण को कम करने में मदद हो रही है। Single use plastic प्रतिबंध का सहयोग ताडोबा के रिसोर्ट, होमस्टे मालक एवं सैलानियो ने किया।

वर्तमान में ताडोबा के आसपास सिंगल यूज प्लास्टिक बहुत कम दिखाई दे रहे है। पहले सिंगल यूज प्लास्टिक (पानी की बोतल) हर जगह पड़ी नजर आती थी।
ताडोबा प्रशासन, जिल्हा परिषद एवं मोहर्ली ग्रामपंचायत की मदत से स्वच्छ मोहर्ली किया जा रहा है ।
लेकिन कुछ वन्यजीव प्रेमियों मे चर्चा सुरू है की मोहर्ली गाव के MTDC रोड, भामडेली रोड, मोहर्ली तालाब के किनारे झाडिय़ों में शराब की कांच की बोतलें फेकी पडी दिखाई दे रही हैं।


एक ओर ग्राम पंचायत प्रदूषण मुक्त करने का भरसक प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर कांच की बोतलों से प्रदूषण बढ़ते नजर रहा है।
ग्राम पंचायत की गाड़ी सभी का कूड़ा कचरा जमा करने घर घर आ रही है तो फिर यह कांच की शराब की बोतल बाहर कौन फेंक रहा है।
जिस स्थान पर शराब की बोतलें फेंकी जा रही हैं, जंगली जानवर वहां पानी पीने आते हैं, यह उनका रास्ता है, वहां कांच की बोतलें फेंकना बहुत गलत है।


फेंकी हुई कांच की बोतलें अक्सर टूट जाती हैं, टूटा हुआ कांच वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकता है।  और साथ ही साथ प्रदूषण भी बढ़ता है।
कांच की बोतलें लंबे समय तक चलती हैं और उन्हें फेंकने से पहले आपको उनका पुन: उपयोग करने पर विचार करना चाहिए।

जब कांच की बोतलों को कहीं और फेंक दिया जाता है, तो उनमें अक्सर जहरीले पदार्थ जैसे फूल, गंधक आदि भरे जाते हैं, जो वन्यजीवों के लिए खतरनाक होते हैं।  इससे वे बीमार हो जाते हैं और यहां तक ​​कि उनकी मौत भी हो सकती है।

इसलिए हमें कांच की बोतलों का उचित दूरदर्शिता के साथ निपटान करना चाहिए और अन्य उद्देश्यों के लिए उनका उपयोग करना चाहिए।  इस बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए ताकि वन क्षेत्र के आसपास कांच की बोतलों को ना फेंके।  दुर्गापूर पोलीस एवं मोहर्ली ग्राम पंचायत को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। नहीं तो भविष्य को हर जगह सिर्फ कांच की बोतलें ही पड़ी दिखेंगी।

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