
रणथंबोर से T113 नामक बाघ को रविवार रात को सरिस्का वन अभ्यारण्य में चार साल बाद लाया गया और उसे नया नाम T29 दिया जाएगा। कहा जाता है की रणथंबोर से यह दसवीं शिफ्टिंग है।
राजस्थान में सवाई माधोपुर के रणथंबोर वन अभ्यारण से एक और बाघ T113 को रविवार रात को सड़क मार्ग से अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व लाया गया है। बाघ को सरिस्का के तालवृक्ष रेंज में छोड़ा गया और इसके साथ सरिस्का मे बाघों की संख्या 25 हो गई है। और यह दसवीं शिफ्टिंग है। इससे पहले 5 बाघिन और 4 बाघों को शिफ्ट किया जा चुका है।
इस दौरान NTCA और CWLW के प्रतिनिधि, रणथंबोर के CCF सेडूराम यादव, सरिस्का वनक्षेत्र निदेशक आर.एन. मीणा, रणथंबोर DFO संग्राम सिंह, DFO संजीव शर्मा, एसीएफ मानस सिंह, जयपुर वन्यजीव DFO सागर पंवार और-तीन चिकित्सकों की टीम मौजूद थी। सरिस्का DFO देवेंद्र जगावत ने बताया अब सरिस्का में बाघों के कुनबा 25 हो गया है. इस युवा बाघ के आने के बाद सरिस्का में और बाघों की वंश वृद्धि में फायदा होगा।
सरिस्का मे 2004-05 मे शिकारियों ने बाघों को सफाया कर दिया था। उस समय सरिस्का मे 35 बाघ-बाघिन हुआ करते थे। बाघों के शिकार के होने के बाद सरिस्का वीरान हो गया था।
