
चंद्रपूर : तळोधी बाळापुर वनक्षेत्र मे आ रहे तळोधी बीट के सावरगाँव के नाटककार रूपचंदजी निकुरे इनके अपने गृह क्षेत्र में एक चित्तीदार जंगली उल्लू (Mottled wood owl) कमजोर स्थिति में देखा गया । कहा जाता है की उल्लू के पीछे कौवे लगे थे उस वजह से वह उड़ने में असमर्थ दिख रहा था। घटना की जानकारी ‘स्वाब’ संस्था के अध्यक्ष यश कायरकर को दी गई। उसके बाद उन्होंने तळोधी के वनरक्षक एस. बी. पेंदाम को सूचित किया, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर उल्लू को बचा लिया गया और कुछ देर बाद उल्लू को सुरक्षित स्थान पर छोड़कर जीवन दिया गया।
उल्लू को सुरक्षित स्थान पर छोड़ते वक्त वनविभाग के वनरक्षक एस.बी. पेंदाम, स्वाब संस्था के अध्यक्ष यश कायरकर, सदस्य/सर्पमित्र महेश बोरकर मौजूद थे।
स्वाब नेचर केयर संस्था’ के सदस्य, जो घायल या संकटग्रस्त सापों, बंदर, किसी भी वन्यजीव की सुरक्षा के लिए हमेशा से सक्रिय रहते हैं, उन्होंने १० अजगर, दुर्घटना में घायल हुए २ बंदर, १ उदमांजर, २ घोरपडी को बचाया गया और अन्य जहरीले सांप घोणस, मन्यार, नाग और गैरविषारी साप जैसे धामन, तस्कर, रसेल कुकरी, कौवे, रूका, कवळ्या जैसे १०० से अधिक विभिन्न सांपो को ‘स्वाब’ संस्था के सदस्य / सर्पमित्र जीवेश सयाम, महेश बोरकर, यश कायरकर, हितेश मुंगमोडे, वेदप्रकाश मेश्राम, ने इन सभी सांपों को विभिन्न स्थानों से पकड़ा और इन सभी जानवरों को वनविभाग में पंजीकृत कर उन्हें सुरक्षित मुक्त कर दिया गया है।
