गोंडवाना हो गोरेवाड़ा

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विदर्भ के नागपुर जिले के गोरेवाड़ा में प्राणी संग्रहालय को राज्य सरकार द्वारा स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे के नामकरण का विरोध गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला चंद्रपुर की ओर से, विदर्भ-तेलंगाना राज्य सीमा पर लक्कड़कोट में विरोध प्रदर्शन किया गया

प्राणी संग्रहालय मध्य भारत में गोंडवाना की भूमि, विदर्भ के नागपुर जिले में स्थित है स्वतंत्रता-पूर्व का गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय को गोंडवाना नाम देने की मांग है।

विदर्भ के नागपुर जिले के गोरेवाड़ा में प्राणी संग्रहालय को राज्य सरकार द्वारा स्वर्गीय बाळासाहेब ठाकरे के नामकरण का विरोध गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला चंद्रपुर की ओर से, विदर्भ-तेलंगाना राज्य सीमा पर लक्कड़कोट में विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्राणी संग्रहालय मध्य भारत में गोंडवाना की भूमि, विदर्भ के नागपुर जिले में स्थित है स्वतंत्रता-पूर्व काल में, इस क्षेत्र पर गोंडराजा का शासन था। नागपुर के ऐतिहासिक शहर की स्थापना 300 साल पहले गोंडराजा भक्त बुलंद शाह ने की थी। इस क्षेत्र में आज भी बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजातियों की आबादी है और इस भूमि को गोंडवाना भूमि के रूप में जाना जाता है।
विदर्भ के लोगों ने गोंडवाना नाम की मांग बहुत पहले से की थी और आज भी कर रहे हैं ऐसेमें आदिवासी समुदाय में असंतोष फैल गया है और गोंडवाना गणतन्त्र पार्टी जिला चंद्रपुर की ओर से लक्कड़कोट में चक्काजाम आंदोलन किया गया। बुलंद शाह ने की थी। इस क्षेत्र में आज भी बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजातियों की आबादी है और इस भूमि को गोंडवाना भूमि के रूप में जाना जाता है।
विदर्भ के लोगों ने गोंडवाना नाम की मांग बहुत पहले से की थी और आज भी कर रहे हैं ऐसेमें आदिवासी समुदाय में असंतोष फैल गया है और गोंडवाना गणतन्त्र पार्टी जिला चंद्रपुर की ओर से लक्कड़कोट में चक्काजाम आंदोलन किया गया।

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