चंद्रपूर : गर्मी का मौसम सुरू होते ही जंगल मे आग की घटनाए होती नजर आती है और वनविभाग द्वारा जंगल की आग को रोकने के लिए हर साल उपाय किए जाते हैं। ताडोबा के बफर क्षेत्रो मे पर्यटन से ग्रामीण लोगो को रोजगार मिलने के लिए पर्यटन गेट सुरू किया गया और पर्यटन से रोजगार मिलने के बावजूद गाव के लोग आग बुझांने मे मदत नही करते है।
साथ ही पर्यटन क्षेत्र के सभी गाईड, जिप्सी चालकों, मालिकों के साथ वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर लोगों को जंगल में और पर्यटन गेट वाले क्षेत्र में और ग्राम पंचायत के माध्यम से भी आग न लगाने के निर्देश दिए गए थे।
गांव के आसपास के साथ-साथ पर्यटक सफारी झोन में आग लगने की स्थिति में उनका पर्यटन गेट और पर्यटन से रोजगार बंद किया जाएगा। इस तरह के सख्त निर्देश भी जारी किए गए थे।
शिवानी वनपरीक्षेत्रो में सिरकाडा गांव मौजूद है और वहा पर्यटन गेट है जहा जंगल सफारी होती है ।
कहा जाता है मार्च 2015 के बाद से सिरकाडा गांव और उसके आसपास जंगल में आग की खबरें अक्सर होते रही थी।
हालांकि सिरकाडा गांव के पास ही 30 मार्च 2022 को कंपार्टमेंट नं. 235 में भीषण आग लगी थी। इसमें करीब 20 हेक्टर जमीन जल चुकी है।
आग लगने की घटना स्थल से यह स्पष्ट होता है कि आग गांव के लोगों द्वारा ही लगाई गई थी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
पर्यटन से सिरकाडा गांव को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है तो भी गांव के लोग आग लगने पर भी बुझाने में कोई मदद नहीं करते है। जिस क्षेत्र मे आग लगी उस क्षेत्र मे बाघ और अन्य प्राणी मौजुद है।
ताडोबा के उपनिदेशक बफ़र जी. गुरुप्रसाद द्वारा लिखित पत्र 31 मार्च 2022 को जारी किया गया है।
इस लिखित पत्र मे 1 जून से अगले आदेश तक बंद रखा जाने का कहा गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है की सिरकाडा गेट के मई महीने के कुछ ऑनलाइन आरक्षण होने के कारण जिप्सियों छोडी जाएगी और अगले कुछ मई महीनों के ऑनलाईन बुकिंग बंद कर दी जा रही हैं।