
चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
आज 22 मार्च 2022 को CSTPS के पाइप लाइन क्षेत्र में एक मादा बाघ और उसके 5 शावक घूमते नजर आए।
एक CSTPS मज़दूर की मृत्यु के बाद, यह सिफारिश की गई कि मादा बाघ और उसके दो वयस्क शावकों को 10,000 हेक्टर मे फ़ैला बिजली स्टेशन क्षेत्र से हटाने की मांग की गई थी। साथ ही CSTPS के आसपास कांटों वाली झाड़ियों को हटाने और क्षेत्र की सुविधा के लिए वैकल्पिक पेड़ लगाने के भी निर्देश दिए।
वृक्षारोपण क्षेत्र में सड़कें बनाने और वृक्षों की परिधि को संरक्षित करने का निर्णय लिया गया ताकि जानवरों की घुसपैठ को रोका जा सके।
हालांकि इस पर कुछ काम हो चुका है, लेकिन CSTPS इलाके में अभी भी बाघ नजर आ रहे हैं।
ताडोबा वर्तमान में प्रति 100km² 5.85 बाघों (अखिल भारतीय बाघ अनुमान के अनुसार) का प्रबंधन कर रहा है।
इस घनत्व के होने के कारण, मादा बाघ अपने शावकों के साथ उनका पालन-पोषण के लिए सर्वोत्तम संभव क्षेत्रों की तलाश करती है।
CSTPS के क्षेत्र मे जंगली सूअर, चीतल और पशुधन जैसे घने आवरण और शिकार होते हैं, इन प्रजनन आबादी को एक स्थायी निवास स्थान प्रदान करते हैं। इन आबादी की उपस्थिति निश्चित रूप से स्थानीय लोगों के बीच अशांती पैदा करती है और अपरिहार्य है।
हाल ही में CSTPS मे देखा गया 5 शावकों वाली एक मादा बाघ का ऐसा ही मामला नजर आ रहा है।
बाघो को स्थानान्तरण करना यह समाधान नहीं है क्योंकि कई अन्य क्षणिक बाघ उसी निवास स्थान पर कब्जा करने के लिए लंबे कतार में हैं।
इसके लिए मनुष्यों और बाघों के बीच टकराव को रोकने के लिए निगरानी और जागरूकता पैदा करना पहला प्रयास है।
