चंद्रपूर:
हम अक्सर लोगों को शादी की पत्रिकाओं को अलग-अलग तरीकों से छापते हुए देखते हैं। हम उन्हें अपने धर्म की तस्वीरें लगाकर शादी का कार्य करते देखते हैं।
लेकिन विवाह पत्रिकाओं के जरिए समाज तक संदेश पहुंचाने का काम हरीश मेश्राम ने ही किया है। उन्होंने विवाह पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों को बाघ संरक्षण और जैव विविधता का संदेश दिया है।
जिले में विश्व प्रसिद्ध ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य है, जो बाघों और अन्य जानवरों का घर है। जिले में हम हमेशा मानव और वन्यजीव संघर्ष भी देखते हैं।
ऐसे में हरीश मेश्राम ने शादी के कार्ड में बाघ को जगह दी है और उन्होंने विलुप्त हो रहे पंछी को भी अहमियत दी है।
वन्यजीवों को बचाने के लिए उन्होंने जो माध्यम चुना है वह अलग और उपयुक्त है।
लोगो मे विवाह पत्रिकाओं को लेकर चर्चा जारी है की अगर हर कोई अलग-अलग तरीकों से बाघों को बचाने और जंगल बचाने का संदेश दिया जाये तो समाज में कुछ बदलाव आएगा।
ऐसी चर्चा जिले के वन्यजीव प्रेमियों के बीच भी चल रही है।