स्वाब  नेचर केयर संस्था’ की ओर से 26 जनवरी को पेरजागड पहाड़ी और परिसर की सफाई

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धेय्य प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण’ के तहत चलाया जाता है 6 वर्ष से  जंगल परिसर स्वच्छता का  अभियान

तलोधी बालापुर परिसर स्थित पेरजागड (सात बहिनी)  यह संपूर्ण परिसर वन व्याप्त है तालोधी बालापुर वन परीक्षेत्र अंतर्गत आने वाला यह पेरजागड (सात बहिनी) पहाड़ ताडोबा अभयारण्य से सटा हुआ, और नव घोषित घोड़ाझरी अभयारण्य के कोअर क्षेत्र में आता है , यह सारंगढ़  बिट में आने वाला इस परिसर में बड़ी मात्रा में वाइल्ड लाइफ है यहां जंगली पशुओं का विचरण बड़ी मात्रा में होता है जिसमें बाघ, तेंदुआ ,भालू जैसे बड़े जानवर हमेशा विचरण करते रहते हैं।  और इस पत्थर की पहाड़ी पर बड़े-बड़े मधुमक्खियों के सैकड़ों छाते लटकते हैं . इन मधुमक्खियों द्वारा यहां आने वाले सैलानियों पर साल भर में कई बार हमले किए जाते हैं , जिसमें यहां मधुमक्खियों के हमले में  इंसान मरने की भी घटनाएं हुई है। और अक्सर इन मधुमक्खियों के हमले में लोग घायल भी होते हैं  कुछ दिन पूर्व ही यहां आए उमरेड और नागपुर के मेडिकल स्टूडेंट्स को बेहोशी के हालत में रेस्क्यू किया गया था। इस तरह के इस खतरनाक और जंगली जानवरों से व्याप्त इस परिसर को वन विभाग द्वारा धोकादायक घोषित किया गया है . और किसी बड़ी अनहोनी के चलते और वन विभाग द्वारा यहां आने की पाबंदियां लगाई गई है।

पहाड़ी धार्मिक क्षेत्र माना जाता है. यहां पर हर साल महाशिवरात्रि  के पर्व पर दो दिन का मेला लगाया जाता है।  स्वातंत्र दिन, गणतंत्र दिवस, और छुट्टी के दिन पर्यटन के लिए हजारों लोग आते हैं. सैलानी लोग , कुछ श्रद्धालु और ज्यादातर प्रेमी-युगल युवक-युवतीया हर रोज यहां आते रहते हैं। जंगली जानवरों के हमले से बेखबर अपनी जान जोखिम में डालकर हमेशा युवक-युवती या यहां दुचाकी और सैकड़ों कारों से रंगरलिया मनाने के लिए  जंगल में आते रहते हैं और हर इतवार को मानो हजारों लोगों का यहां मेला सा लगा रहता है . और साथ में लाई हुई प्लास्टिक, पानी की बोतल,  खाना खाने के बाद प्लास्टिक और थर्माकोल की पत्रावली, बच्चों के डायपर को इस परिसर में फेंक दिया जाता है।

‘स्वाब  नेचर केयर संस्था’ के  सदस्य जब इस परिसर में पक्षी निरीक्षण हेतु गए थे तो उन्होंने एक भालू के परिवार को यहां पर फेंकी  गई बच्चों की डायपर को नोच कर चाटते हुए देखा.  और तभी से जंगल से सटे , और जंगल के अंदर के  मंदिर , तालाब परिसर और रास्तों को प्लास्टिक मुक्त करने की ठान ली. और इसी के तहत संस्था द्वारा ‘प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण अभियान’ परिसर में हर सप्ताह आयोजित किया जाता है. जिसके तहत् गणतंत्र दिवस के मौके पर पेरजागड पहाड़ी के तलहटी से शिखर तक, प्लास्टिक बैग, पानी बाटल, इकट्ठा कर जला कर परिसर में स्वच्छता की गई. इस स्वच्छता अभियान में स्वाब नेचर केयर संस्था के अध्यक्ष यशवंत कायरकर,  उपाध्यक्ष स्वप्निल बोधनकर,  सह सचिव हितेश मूंगमोड़े, सदस्य वेद प्रकाश मेश्राम, महेश बोरकर,श्रेयश कायरकर, शांतनु बोरकर, विकास बोरकर, विनोद बंसोड, प्रशांत सहारे, पि आर टी सारंगढ़, वनरक्षक एस.एस. गौरकर ( अतीरिक्त सारंगढ़ बीट, गिरगांव बिट) येनुली माल के वनरक्षक  इन्होंने भी सहायता की । इस अवसर पर पर्यटन के लिए आये लोगों को प्लास्टिक प्रदुषण  से पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई।

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