बाघ के हमले में फिर एक मौत ; इस साल बाघ के हमले में 22 की मृत्यु

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यश कायरकर (जिला प्रतिनिधि)
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोर जोन में आज 12 जून शनिवार की सुबह 8 बजे एक बुजुर्ग का शव मिला है. मुधोली निवासी मृतक भारत रामाजी बावने उम्र (65) शुक्रवार की 3 बजे से लापता था. इस घटना के साथ ही जनवरी से अब तक बाघ के हमले में मरने वालों की संख्या 22 हो गई हैं।


अक्सर बार-बार वनविभाग ने ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील की है । फ़िर भी लोग इस ओर ध्यान नहीं देते और अपनी जान गंवा बैठते हैं।
आज भद्रावती तहसील के मोहर्ली वनपरिक्षेत्र के तहत मुधोली ग्राम निवासी भारत शुक्रवार को पास के जंगल में बांस काटने के लिए गया था ।किंतु दोपहर 3 बजे बाद भी उसके दिखाई न देने पर परिजन और पडोसियों ने आस पास पता लगाया किंतु कही पता न चलने पर रात 9 बजे मोहर्ली के वनवरिक्षेत्र अधिकारी (वन्यजीव) कार्यालय को सूचना दी। सूचना मिलते ही वनविभाग की एक टीम ने रात में भारत की तलाश शुरु की. किंतु उन्हे सफलता नहीं मिली.
आज सुबह टीम ने पुन: जंगल में भारत की तलाश शुरु की तो 8 बजे मोहर्ली वन्यजीव परिक्षेत्र के आंबेगड नियतक्षेत्र के कक्ष क्रं. 138 बफर जोन की सीमा से लगभग 85 मीटर दूरी पर कोर जोन में उसका शव दिखाई दिया ।
भारत बावणे की मृत्यु बाघ के हमले में होने का प्राथमिक अनुमान वनविभाग ने व्यक्त किया है.।
सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची भद्रावती पुलिस ने शव का पंचनामा बना पोस्टमार्टम के लिए ग्रामीण अस्पताल को भेज दिया है ।
आज की घटना के साथ ही जनवरी से अब तक बाघ के हमले में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है।

वनविभाग की ओर से 50 हजार की सहायता
आज कक्ष क्रं. 138 में बाघ के हमले में भारत बावने की मौत हो गई. मृतक के शव का पंचनामा होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जनाबाई बावणे को 50,000 रुपए की सहायता दी गई है।
लोग लाॅकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए हैं. अपने परीवार की जिम्मेदारी लोगों को जान जोखिम में डालने पर मजबूर कर देती है। और जंगल में लोगों द्वारा लापरवाही बरतने पर, फिर बाघ उन्हें अपना निवाला बना रहे हैं। और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है और लोगों की गलती ही इन जानवरों को बदनाम करती है. और वनविभाग को और शासन को बर्बाद इसी लिए अक्सर बार-बार वनविभाग ने ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील की है, फ़िर भी लोग इस ओर ध्यान नहीं देते और अपनी जान गंवा बैठते हैं।

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