पिछले 3 महीनों में देखा जाता है कि राज्य में 13 बाघों की मौत हो गई है राज्य में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है ।
जब सारा देश अंतरराष्ट्रीय वनदिन मना रहा था उस समय वर्धा डिवीजन के तहत हिंदी वन क्षेत्र में केलझार के पास एक नहर में रहस्यमय परिस्थितियों में बाघ मृत पाया गया जो 15 महीने की उप वयस्क बोर निवासी बाघिन अंबिका उर्फ T1 की संतानों में से एक थी।
मेलघाट टाइगर रिजर्व (MTR) में बुधवार तारीख 20 जनेवारी को एक युवा नर बाघ मृत पाया गया। टाइगर का शव सिपना डिवीजन के अंतर्गत रायपुर वन रेंज के अंतर्गत मदीज़दाप बीट के कम्पार्टमेंट नं.271 में पाया गया।
एक बाघ का शव नागपुर जिले के पेंच व्याघ्र प्रकल्प और मंगलवार को यवतमाल जिले के मारे गांव वन परिक्षेत्र में एक बाघ पाया गया पूर्ण विकसित भाग के सभी 4 पंजे विच्छिन्न हो गए हैं और अनुमान लगाया जाता है कि 7-8 दिन पहले उसकी मृत्यु हो गई थी।
वनविकास महामंडल के कक्ष क्रमांक 707 में रिसाला वन क्षेत्र में वारा पानी बीट के वनरक्षक श्रीगारपुतले को मंगलवार के सारा गांव के पास एक छोटे से नाले में एक बाघ का शव मिला एक अन्य घटना में बाघिन मंगलवार दोपहर में वाणी तालुका के घोन्सा गांव के पास मृत पाई गई बाघिन की उम्र लगभग 4 साल थी मारेगांव वन अभ्यारण्य में वाधोना बीट में नाले में मृत पाया गया है यह अनुमान लगाया जाता है कि खेत में वन संरक्षक के तार में फंसने के बाद बाघ की मौत हो गई लेकिन जो कहा जाता है कि यह संख्या शिकारी के लिए निर्धारित की गई थी।